
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को हुआ 20 वर्ष का सश्रम कारावास
( पंकज पाल विशेष संवाददाता )
नर्मदापुरम _ प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पिपरिया कैलाश प्रसाद मरकाम की अदालत ने नाबालिक दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष की सजा एवं 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया ।
जानकारी के अनुसार न्यायालय ने आरोपी देवचंद कुमरे को नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने के मामले में धारा 376 (2) एन भा.द.वि. 5/6 पॉक्सो एक्ट के मामले में दोषी पाते हुए, धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पिपरिया चौधरी विक्रम सिंह ने बताया कि दिनांक 27.02.2020 को जिला चिकित्सालय होशंगाबाद द्वारा पुलिस को यह सूचना दी गयी कि जिला चिकित्सालय होशंगाबाद मे एक नाबालिग लड़की द्वारा एक नवजात बालिका को जन्म दिया गया है उक्त सूचना प्राप्ति उपरांत थाना कोतवाली होशंगाबद की पुलिस द्वारा जिला चिकित्सालय जाकर पीड़ित बालिका से पूछताछ की गयी तब उसने बताया कि पचमढी निवासी देवचंद कुमरे को वह काफी समय पहले से जानती है तथा देवचंद का उसके घर आना जाना होता है एवं आरोपी देवचंद ने उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाये है पीड़ित बालिका जब गर्भवती हुयी तो आरोपी देवचंद ने उस पर बच्चे गिराने का दबाब बनाया था लेकिन पीडित बालिका ने दिनांक 27.02.20 को जिला चिकित्सालय होशंगाबाद मे एक नवजात बालिका को जन्म दिया, थाना कोतवाली द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर, मामला पचमढ़ी थाना क्षेत्राधिकार का होने के कारण शून्य पर अपराध कायम कर मामले की डॉयरी थाना पचमढ़ी भेजी थी, थाना पचमढ़ी द्वारा पीड़ित बालिका के आयु संबंधी दस्तावेज जप्त किए गए उक्त दस्तवेजो मे पीड़ित बालिका के अवयस्क होने के तथ्य पाने पर थाना पचमढी द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर अभियुक्त देवचंद कुमरे के विरूद्ध धारा 376 (2) एन भा.द.वि. 5/6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। उक्त मामले मे विचारण के दौरान अभियोजन ने न्यायालय के समक्ष कुल 19 साक्षियो के साक्ष्य कराये, इस मामले में पीडित बालिका उसके प्रसव दिनांक को अवयस्क होना पायी गयी तथा इस प्रकार उसके साथ अभियुक्त देवचंद द्वारा उसके अवयस्क होने के दौरान ही शारीरिक संबंध बनाये जाने के तथ्य को न्यायालय द्वारा प्रमाणित पाते हुए अभियुक्त देवचंद कुमरे को धारा 376 (2) एन भा. द. वि. 5/6 पॉक्सो एक्ट मे दोषसिद्ध पाते हुए, अभियुक्त देवचंद कुमरे को धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
उक्त मामले मे शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पिपरिया चौधरी विक्रम सिंह ने की ।