खाद्यान्न न मिलने पर ग्रामीण ने SDM से की लिखित शिकायत

राशन दुकान संचालक हितग्राहियों से करता है अभद्रता

सोहागपुर / राशन दुकानों में गड़बड़ी लंबे समय से चल रही है शिकायत होती हैं यदा-कदा कार्रवाई भी हो जाती है अधिकारी भी देखने पहुंचते हैं परंतु राशन सोसाइटी चलाने वालों की मनमानी कोई रोक नहीं पता पूर्व की तरह आज भी राशन की दुकानों से राशन दुकान संचालक राशन की सामग्री को बाजार में बेचते दिखाई दे जाते है गरीबों का राशन हड़प कर लखपति बनने की कहानी कोई नई नहीं है आधुनिकता के दौर में बायोमेट्रिक मशीनों से काम किया जा रहा है उपभोक्ता को एक पर्ची भी जारी होती है फिर उसका मशीन में अंगूठा लिया जाता है उसके बाद राशन देते हैं परंतु इसके बाद भी राशन हड़पने का दौर जारी है। वहीं कई राशन दुकान संचालकों द्वारा हितग्राही को राशन की पर्ची नहीं दी जाती है एक ही पर्ची मशीन में लगाकर बार-बार प्रिंट की जाती है।

ऐसा ही एक मामला ग्राम झिरमटा निवासी धर्मेंद्र पुरबिया का है जिसे चार माह से राशन नहीं दिया जा रहा है दुकान संचालक कमल आना कानी करता है राशन लेने सुबह 11 बजे के पहले और 1 तारीख से 5 तारीख के बीच बुलाता है इस समय में न जाने पर राशन नहीं देता और अभद्रता करते हुए परेशान करता है परेशान होकर इस गरीब व्यक्ति ने अनुविभागीय अधिकारी बृजेंद्र रावत एवं खाद्य अधिकारी को लिखित में शिकायत दर्ज कराई है आवेदक धर्मेंद्र ठाकुर का परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है उसे चार माह से राशन नहीं मिला जिससे वह बहुत परेशान है राशन दुकान संचालकों की मनमानी पर अंकुश कोई नहीं लगा पता है, नीचे से ऊपर सभी की साठ गांठ के चलते पूर्व की तरह आज भी राशन कार्ड धारक परेशान हैं जिस पर उच्च अधिकारियों को कार्रवाई करने की आवश्यकता है। अब देखना बाकी है की हितग्राही द्वारा लिखित में शिकायत करने के बाद क्या कार्रवाई की जाती है। कानी करता है राशन लेने सुबह 11 बजे के पहले और 1 तारीख से 5 तारीख के बीच बुलाता है इस समय में न जाने पर राशन नहीं देता और अभद्रता करते हुए परेशान करता है परेशान होकर इस गरीब व्यक्ति ने अनुविभागीय अधिकारी बृजेंद्र रावत एवं खाद्य अधिकारी को लिखित में शिकायत दर्ज कराई है आवेदक धर्मेंद्र ठाकुर का परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है उसे चार माह से राशन नहीं मिला जिससे वह बहुत परेशान है राशन दुकान संचालकों की मनमानी पर अंकुश कोई नहीं लगा पता है, नीचे से ऊपर सभी की साठ गांठ के चलते पूर्व की तरह आज भी राशन कार्ड धारक परेशान हैं जिस पर उच्च अधिकारियों को कार्रवाई करने की आवश्यकता है। अब देखना बाकी है की हितग्राही द्वारा लिखित में शिकायत करने के बाद क्या कार्रवाई की जाती है।

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