
श्रद्धा और इबादत के साथ मना मोहर्रम प्रशासन की निगरानी में हुआ ताजियों का विसर्जन
पिपरिया। शहादती पर्व मोहर्रम मुस्लिम समाज ने परंपरा अनुसार मनाया। कोविड-19 के चलते सार्वजनिक आयोजन प्रतिबंधित रहे। घरों में मन्नतो के ताजिए निर्माण अकीदतमंदों ने किए। ताजियों पर दरूद फातिहा लगातार हुई। लेकिन जुलूस नहीं निकाला गया। मोहर्रम की 10 तारीख को कोचवानी मोहल्ले से अकरम बाबा की सवारी मुकाम से प्रतीकात्मक तरीके से निकली मदीना मस्जिद, अखाड़े के मुकाम तक गई।सोशल डिस्टेंन्स के पालन के साथ स्थानीय बिधायक ठाकुरदास नागवंशी ने इमाम बड़े पहुच ताजिये की जियारत कर बाबा की सवारी से आशीर्वाद लिया।
मुस्लिम समाज ने शासन की गाइडलाइन के तहत अकीदत और इबादत के साथ मोहर्रम पर्व मनाया। इस साल करीब छोटे बड़े 26 ताजियों का अलग-अलग स्थानों पर निर्माण किया गया था। सोमवार को प्रशासन की निगरानी में ताजियों को ट्रकों के माध्यम से नजदीकी डोकरी खेड़ा डैम विसर्जन के लिए ले जाया गया।