
नेशनल लोक अदालत आमला में 34 मामलों का निपटारा हुआ।
आमला(लक्ष्मण चौकीकर)। शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय आमला में हुआ। अधिकांश मामले आपसी सामंजस्य और सुलह समझौते के आधार पर निपटाए गए। लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है कि कोर्ट में मुकदमे चलने के बजाय विवादों को समाप्त किया जाये, जिससे पक्षकारों के समय एवं धन की बचत के साथ त्वरित न्याय मिले, और कोर्ट फीस भी वापस मिल सके।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अफसर जावेद खान एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज मंडलोई के मार्गदर्शन में विगत एक माह से लगातार नेशनल लोक अदालत की तैयारी चल रही थी। प्री – सिटिंग के दौरान सोशल डिस्टेंस कोविड -19 के आवश्यक दिशा निर्देशों को पालन करते हुए पति पत्नी को न्यायालय में बुलाया गया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई न्यायाधीशगण कृष्णदास महार, एन एस ताहेड एवं रीना पिपल्या के समक्ष पति पत्नी के लगभग 25 मामले सुलह हेतु रखे गए थे । अधिकांश मामलों में विवाह के 2 साल से पांच साल के भीतर परिवारिक विवाद सास – बहू, ननंद- भाभी, पति-पत्नी की नोक- झोंक के मध्य पत्नी पति की कमियां गिना रही थी तब नन्हें – नन्हें बच्चे पिता के पास दौड़ कर चले जाते थे, पिता बच्चों को दुलारता था तो कभी बच्चे मां की गोद में चले जाते थे। बच्चों के प्यार के आगे पति पत्नी के विवाद बौने साबित हो रहे थे।
न्यायधीशगण एवं अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय के समझाइश के दौरान कभी पत्नी नाराज हो जाती और कहती कि मैं पति के साथ नहीं जाऊंगी तो कभी पति कहता कि मैं इसे तलाक दूंगा लेकिन बच्चों के प्यार के आगे पत्नी भरण – पोषण की मांग छोड़कर पति के साथ जाने का निर्णय लिया। पति ने तलाक की जिद छोड़कर पत्नी को साथ रखने का निर्णय लिया। न्यायधीशगण ने समझाया कि छोटे छोटे मतभेद को समाप्त करने के लिए विवाद नहीं संवाद अहम है, वहम नहीं धैर्य और सहनशक्ति का मूल मंत्र देकर पति पत्नी को बच्चों सहित सुलह कर जब न्यायालय से विदा किया तो सभी जोड़े कह रहे थे कि न्यायालय हमारे लिए मंदिर की तरह है जो हमारी मुराद पूरी हो गई व्यवहार न्यायालय आमला में कुल 34 मामलों का निराकरण हुआ।
अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष वेद प्रकाश साहू, सचिव दिलीप सोनी, अधिवक्ता रमेश नागपुरे, कल्पेश माथनकर, ब्रजेश सोनी, के एल सोलंकी, रवि देशमुख रविशंकर पटवारी, सुरेंद्र खातरकर बी आर कोसे , रानी शेख, सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।