हथवान्स पोल दुर्घटना के बाद डॉक्टर ने पुलिस को बनाया बेबकुफ़ कार्यवाही तो किसी पर होना है क्योकि मामला पुलिस से 420 का है

Pankaj pal pipariya
कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं ,लेकिन येभी कहा जाता है कि कानून अंधा होता है इन दोनों ही बातों को चरितार्थ करता ऐसा ही एक मामला होशंगाबाद के पिपरिया में देखने को मिला। मामला 9 अक्टूबर की रात क़रीब9 से 10 बजे के बीच है । जहाँ पिपरिया होशंगाबाद मुख्यमार्ग पर ग्राम हथवास स्थित राजमोटर्स के पास एक नई नवेली आर्टिका ने अफरातफरी मचा दी।
कार अचानक गली से निकली और एक घर की दीवार से टकराने के बाद मुख्य सड़क फांदकर सड़क के दूसरी ओर लगे बिजली के पोल को तोड़ती हुई तारों में जा फँसी। बिजली पोल टूटते ही जहाँ एक और इलाके में अंधेरा छा गया,तो वहीं दूसरी ओर कार मे सवार 2 से 3 लोग बदहवास होकर मौके से भाग निकले।
गनीमत ये रही कि हादसे में कार में बैठे लोगों मेंसे किसीको भी चौटें नही आई। लेकिन अफरातफरी,बिजली गुल होने और सड़क किनारे भीड़ जमा होते देख पुलिस का चीता वाहन भी मौके पर पहुँच गया।
पुलिस कुछ समझती इससे पहले ही वाहन सीखने के नाम पर आम लोगों की जानोमाल को जोखिम में डालने वाले शातिर वाहन चालक मौके से नदारत हो गया। ओर उसकी जगह उसके लाइसेंसधारी बेटे को चालक बनाकर मौके पर पेश कर दिया गया।इधर बिना कुछ जानकारी जुटाए पुलिस भी गाड़ी औऱ नकली आरोपी को थाने ले आयी। जिसके बाद अगले दिन बिजली कंपनी के अधिकारी की शिकायत पर वाहन क्रमांक MP04CZ-2925 के द्वारा विधुत प्रदाय अवरुद्ध करने और कंपनी की संपत्ति का आकलन कर नुकसान पहुंचाने की शिकायत दर्ज कराई।
जिस पर पुलिस ने बिना किसी जाँच पड़ताल के असल आरोपी को छोड़ लाइसेंसधारी आरोपी के बेटे के नाम पर मामला दर्जकर कार्यवाही पूरी कर दी। लेकिन इस पूरे ही मामले में शुरू से आखरी तक मीडिया की तीसरी आँख गड़ी हुई थी। जिसने घटना से लेकर पुलिस कार्यवाही को अपनी आंखों से देखा। और फिर व्यक्तिगत जाँच पड़ताल की तो पता चला मामले में असल आरोपी वाहन चालक हथवास क्षेत्र में मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लिनिक चलाने वाला झोलाछाप बंगाली डॉक्टर किनाराम मंडल है ये हम नही कह रहे। ये कहना है मौके पर मौजूद स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी का ज़रा आप भी सुन लीजिए,कैमरे से अनभिज्ञ कैसे ये व्यक्ति पूरी घटना की साफपाक कहानी सुना रहा है।
हो सकता है ये सब झूठ हो लेकिन जब आरोपी ही जुर्म कुबुल करे तबतो आप विश्वास करेंगे ।
वहीं अब इस मामले ने पिपरिया पुलिस की लचर कार्यप्रणाली पर एकबार फिर सवालिया निशान खड़े हो गए ,वही पिपरिया पुलिस जो पिछले कुछ समय से अपराध और अपराधियों पर कार्यवाही को लेकर चर्चा में बनी हुई है।लेकिन अब देखना है कि मामले कि सत्यता सामने आने के बाद पुलिस अपनी भूलचूक में सुधार कर पुलिस को बेवकूफ बनाने वाले झोलाछाप डॉक्टर पर कोई उचित कार्यवाही करती भी है या पहले की कार्यवाही की तरह पर्दे के पीछे ही सब निपटारा हो जाएगा। क्योंकि मामला पुलिस से चार सौ बीसी करने का है..

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