
एक प्लाट की दो रजिस्ट्रियां दोनों का हुआ नामांतरण, अवैध कॉलोनाइजरों के मकड़जाल में फस रही है भोली भाली जनता, जनसुवाई के दौरान एसडीएम ने कहां सिविल कोर्ट में लगाए आवेदन
( पंकज पाल विशेष संवाददाता )
नर्मदापुरम _ जिले भर में जमीनी विवाद का अगर रिकॉर्ड खंगाला जाए तो अधिकतम मामले सामने आयेंगे जिसका खामियाजा हितग्राही तहसील, कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते देखे जा सकते है, उम्मीद कहीं प्रशासनिक अधिकारी इनकी बात सुने और निष्पक्ष जांच कराकर उन्हें इनका हक दिला सके एवं भूमाफियो पर लगाम लगा सके ।
इन्हीं में से एक मामला मंगलवार जनसुनवाई में पिपरिया एसडीएम अनिशा श्रीवास्तव के पास पहुंचा पटवारी हल्का नंबर 17 ग्राम सिलारी आवासीय भूखंड खसरा नंबर 78/2 में सामने आई है जिसमे विक्रेता सूरज वर्मा, रुक्मिणी वर्मा, अर्जुन वर्मा ने प.ह.नं. 18 रा.नि. में पिपरिया स्थित विक्रीत एककिता आवासीय भूखंड स्थित ग्राम सिलारी के ख.नं. 78/2 का कुल रकबा 0.676 हेक्टेयर में से विक्रित 30 X 40 = 1200 वर्गफुट / 111.52 वर्गमीटर भूखंड ई-पंजीकरण संख्या MP169812023A11717381 दिनांक 13/04/2023 के द्वारा विक्रेता अनावेदकगण सूरज वर्मा पिता स्व. गिरधारी लाल वर्मा, रूकमणि बाई वर्मा पत्नी स्व. गिरधारी लाल वर्मा कर दिया है जिसका नामांतरण कर भूमि आवेदक के नाम भी बाकायदा चढ़ा दी गई है वही इसी रकबे एवं खसरे पर उक्त जमीन की रजिस्ट्री केसर चौधरी पिता जगदीश चौधरी एवं सोनेश पिता जगदीश चौधरी के नाम पर दर्ज कर दिया गया जिसका नामांतरण भी हो गया, अब दोनों खरीददार के बीच जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया है जिसकी शिकायत लेकर ओमशरण चौहान जनसुवाई में पहुंचे तब मामला का खुलासा पटवारी द्वारा किया गया, पिपरिया अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनिशा श्रीवास्तव ने इस मामले को सिविल कोर्ट में आवेदन लगाने की बात फरियादी से की है ।
मगर इस प्रकार का प्रकरण सामने आना कहीं न कहीं राजस्व अधिकारियों की लापरवाही को भी दर्शा रहा है जिन्होंने नाही कालोनाइजर के कागज देखे और नाही रजिस्ट्री के बाद मौके का मुआयना किया ।
अगर राजस्व अधिकारी अवैध कॉलोनियों की सही से जांच करे तो कई मामले सामने आ सकते हैं शहर की कई अवैध कॉलोनी में ना रोड है, ना नाली है, ना बिजली ना पानी की समुचित व्यवस्था है, जो जनता को गुमराह कर उनके मेहनत पसीने की कमाई को लूटने पर उतारू है ।