गायत्री संपूर्ण हवन सामग्री में हड्डी मिलने से मचा हड़कंप
नरसिंहपुर जिला संवाददाता राजकुमार दुबे
नरसिंहपुर करेली । जहां एक और आस्था के प्रति हवन करना हिंदू धर्म में संस्कृति माना जाता है हवन में काम में ली जाने वाली जड़ी बूटी युक्त हवन सामग्री, शुद्ध घी, पवित्र वृक्षों की लकड़ियां, कपूर आदि के जलने से उत्पन्न अग्नि और धुएं से वातावरण शुद्ध तो होता ही है,नकारात्मक शक्तियां भी दूर भागती हैं। वही नरसिंहपुर जिले के करेली तहसील के अंतर्गत ग्राम आमगांव बड़ा में खेरापति मढ़िया में पुजारी द्वारा बताया गया हवन मैं पुजारी को हड्डी मिलने से आनन-फानन में गांव को और मीडिया को खबर की वही तुरंत कवर करने पहुंची मीडिया और गांव के लोग देखकर हैरान हो गए हवन सामग्री में हड्डी मिलते ही हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई वही लोगों का कहना है पुजारी का भी कहना है हवन सामग्री बनाने वाले कंपनी पर प्रतिबंध लगाया जाए ताकि हिंदू धार्मिक आस्था पर ठेस न पहुंचे हर घर में हिंदू संस्कृति के हिसाब से आदिकाल से ही सनातन संस्कृति में सुख-सौभाग्य के लिए हवन-यज्ञ की परंपरा रही है। औषधीय युक्त हवन सामग्री से हवन-यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होगा, वहीं वायरस का संक्रमण भी नष्ट हो जाएगा। अनेक वैज्ञानिकों एवं धर्मगुरुओं ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए एवं वातावरण की शुद्धि के लिए हवन यज्ञ का अद्भुत लाभ बताया है। जिस स्थान पर हवन किया जाता है, वहां उपस्थित लोगों पर तो उसका सकारात्मक असर पड़ता ही है साथ ही वातावरण में मौजूद रोगाणु और विषाणुओं के नष्ट होने से पर्यावरण भी शुद्ध होता है,शरीर स्वस्थ्य रहता है। क्योंकि हवन में काम में ली जाने वाली जड़ी बूटी युक्त हवन सामग्री, शुद्ध घी, पवित्र वृक्षों की लकड़ियां, कपूर आदि के जलने से उत्पन्न अग्नि और धुएं से वातावरण शुद्ध तो होता ही है,नकारात्मक शक्तियां भी दूर भागती हैं। माना जाता है कि एक बार हवन करने से घर को एक सप्ताह तक किसी प्रकार के वायरस से मुक्त रखा जा सकता है। अब यदि हवन सामग्री में हड्डी मिलने से हिंदू धर्म की आस्था पर कहीं नहीं कंपनी के ऊपर प्रश्न चिन्ह साबित होता है अब देखते हैं प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करती है