मनरेगा एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे है सरपंच सचिव और रोजगार सहायक मिलकर ” उपयंत्री और सहायक यंत्री का नहीं मिलता मार्गदर्शन!

पिपरिया – जनपद पंचायत पिपरिया के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक मिलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन शासन के आदेश एवं निर्देश का पालन कराने में जनपद स्तरीय तकनीकी हमला क्रियान्वयन एजेंसी से जुड़े सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों को तकनीकी सलाह एवं शासकीय नियम निर्देशों से अवगत ना करा कर नियम विरुद्ध कार्य करा रहे हैं

जिस कारण से जहां एक और शासन के नियम निर्देशों की अवहेलना हो रही है वहीं क्रियान्वयन एजेंसी शासकीय नियम कानूनों को ताक में रखकर अपनी मनमर्जी अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करा रही है जिस तरफ जनपद स्तर पर कार्यरत उपयंत्री और सहायक यंत्री का ध्यान नहीं है वह भी क्रियान्वयन एजेंसी से जुड़े इन लोगों को शासन के आदेश निर्देश का पालन कराने में नाकाम हो रहे हैं !

सूत्र बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में निरीक्षण के लिए महीनों में चार छह बार ही उपयंत्री और सहायक यंत्री जाते हैं बाकी समय तो सरपंच सचिव और रोजगार सहायक मिलकर ही निर्माण कार्यों को गति दे रहे हैं समय-समय पर सेक्टर के पंचायत समन्वय अधिकारी भी औपचारिकता करने जाते हैं जिन्हें तकनीकी ज्ञान नहीं होता है।

ग्राम पंचायतों में शासन के नियम निर्देशों की अवहेलना एवं नियम विरुद्ध हो रहे कार्यों के मामले तब प्रकाश में आते हैं जब ऑडिट ऑफिस स्कीम रूल्स 2011 के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना अंतर्गत कराए गए कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण त्रिस्तरीय सत्यापन का कार्य वर्ष में कराया जाता है इस दौरान सामाजिक अंकेक्षण कर रहे ग्राम सामाजिक एनिमेटर एवं ग्राम सम परीक्षा समिति के दल को ग्राम पंचायतों में व्याप्त वित्तीय अनियमितताएं सहित दस्तावेज एवं मौखिक सत्यापन में कमियां मिलती हैं वित्तीय वर्ष 20 -21 यानी 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक की अवधि के दौरान कराए गए कार्यों की ओर दृष्टि डालें तो जनपद क्षेत्र की 4 दर्जन ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितताओं के मामले सामाजिक अंकेक्षण त्रिस्तरीय सत्यापन प्रक्रिया के दौरान ग्राम सामाजिक एनिमेटर और ग्राम सम परीक्षा समिति के दल ने पकड़े हैं इन पंचायतों ने शासन की गाइड लाइन से हटकर निर्माण कार्यों में मजदूरी भुगतान किया है।

 

शासन के नियम निर्देशों की बात करें तो निर्माण कार्यों में मजदूरी और सामग्री का अनुपात चलता है लेकिन ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण कार्यों में शासन के दिशा निर्देशों के विपरीत कार्य कराए जा रहे हैं शासन के दिशा निर्देशों के विपरीत वित्तीय अनियमितताएं करने वाली ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों को वित्तीय अनियमितताओं की राशि वापस करने के लिए जनपद स्तर से दर्जनों पत्र जारी किए गए हैं लेकिन क्रियान्वयन एजेंसी से जुड़े सरपंच सचिव और रोजगार सहायक कुंभकणी निइंद्रा में मगन है जिस कारण से शासन को वित्तीय अनियमितताओं की राशि वापस करने में विलंब हो रहा है। सामाजिक अंकेक्षण के विकासखंड नोडल अधिकारी राजेश कुमार ग्यारसे ने सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त ऑडिट कणिकाओं के निराकरण के संबंध में चर्चा करने पर बताया कि सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त मुद्दों की अनुवर्ती कार्रवाई के लिए कार्यालय स्तर से समय-समय पर पत्र जारी कराए जाकर ऑडिट कंडिकाओ के निराकरण के लिए सरपंच सचिव और रोजगार सहायक को निर्देशित किया गया है ग्राम पंचायत जमारा ,पौसेरा , पारखी ,पाली ,तरौनकला,मोहरीकला,सिरपन, हथवांस , ग्राम पंचायत ने शासन को वित्तीय अनियमितताओं की राशि वापस कर दी है शेष ग्राम पंचायतों में ऑडिट कडिकाओं के निराकरण के लिए पत्र जारी किए गए हैं जिनका पालन अभी पंचायतों द्वारा नहीं किया गया है ब्लॉक समन्वयक राजेश कुमार ग्यारसे ने बताया कि बार-बार ऑडिट कडिकाओं के निराकरण के निर्देश दिए जाने के बाद भी अगर सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक ऑडिट कडिकाओं का निराकरण नहीं करते हैं तो सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायको के विरुद्ध महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की धारा 25 के तहत ₹1000 अर्थदंड से दंडित किए जाने का प्रावधान एक्ट में किया गया है । ज्ञात हो कि पूर्व में भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिपरिया द्वारा दिए गए आदेश एवं निर्देश की अवहेलना किए जाने के मामले में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती शिवानी मिश्रा द्वारा सचिव फूल चंद शर्मा, सुरेश स्वामी, अरविंद पाराशर ,राम कुमार भार्गव, महेश पटेल, संग्राम सिंह राजपूत रोजगार सहायक अरविंद पटेल, मुकेश पठारिया ,देवेंद्रअहिरवार ,दिनेश अहिरवार ,राजकुमार पटेल, अनिल जायसवाल के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। यह कहना कटु सत्य है कि ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के मामले में अंकुश लगाने वाली श्रीमती शिवानी मिश्रा पहली ऐसी महिला ऑफिसर थी जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा सचिव रोजगार सहायकों पर कार्यवाही की है इससे पूर्व जितने भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहे उन्होंने सचिव रोजगार सहायकों पर कार्यवाही करने में कोताही बरती है इसी के चलते सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों के हौसले बुलंद हो गए थे जिन्हें उन्होंने पटरी पर लाकर कुछ हद तक तो ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाया था वह कार्यालय में बैठे-बैठे ही फील्डस्तर के कर्मचारियों से फीडबैक लेकर दिशा निर्देश एवं शासन की योजनाओं को क्रियान्वित कराने में हमेशा सक्रिय नजर आती थी श्रीमती मिश्रा के जाने के बाद ग्राम पंचायतों में फिर वही स्थिति लौट कर आ रही है अब देखना होगा कि शासन जनपद पंचायत पिपरिया को स्थाई मुख्य कार्यपालन अधिकारी कब उपलब्ध कराता है।

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