जीवन की आदर्श संहिता है रामचरितमानस:- श्याम दास महाराज
विशेष संवाददाता दीपेश पटेल
ग्राम तडा में शतचंडी महायज्ञ एवं श्री राम कथा दूसरे दिन पूज्य महाराज श्याम दास महाराज ने प्रवचन के दौरान बताया कि पुत्र धर्म, पिता धर्म राजधर्म मानव धर्म की सीख देता है। उन्होंने बताया की जीवन जीने की कला निराली है । शिव भक्ति के बिना राम की कृपा प्राप्त नहीं होती भगवान शंकर ही राम कथा के रचयिता हैं। इन्होंने ही राम जन्म से पूर्व माता पार्वती को यह कथा सुनाई थी एवं संत तुलसीदास को प्रेरणा देकर इसकी रचना करने के लिए प्रोत्साहित किया था । राम की प्राप्ति के लिए शिव को प्रसन्न करना अत्यंत जरूरी है।
पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम तडा में शतचंडी महायज्ञ एवं श्री रामचरित मानस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें अयोध्या धाम से पधारे स्वामी श्यामदास महाराज एवं सिंगरौली से पधारी दीदी शिरोमणि दुबे द्वारा राम कथा का गायन किया जा रहा है । मंच का संचालन शिव कुमार रावत कर रहे हैं जिसका सभी श्रोतागण एवं धर्म परायण जनता भरपूर लाभ उठा मंत्र मुग्ध हो रहे है।