आमला जनपद में भ्र्ष्टाचार का हुआ श्री गणेश _ इस भ्र्ष्टाचार का शीघ्र होगा विसर्जन
आमला _ सैंया भये कोतवाल तो अब डर काहे का ये पंक्तियां आमला जनपद पंचायत में चरितार्थ हो रही है, किसी समय जनपद के ठेके लेकर भ्र्ष्टाचार का महल खड़ा करने वाले के हांथ में ही अब सोने की चाबी लग गई है, आमला से लगी पंचायत के कर्णधार अब जनपद की बड़ी कुर्सी पर बैठे है अपने दम पर बड़ा पद हासिल करने में उन्हें कोई तकलीफ नही हुई पर इनके बेचारे साथी जो इनके मुहिम में इनके कोषाध्यक्ष के रूप में चल रहे थे उन्हें कुछ भी हाथ नही लगा न माया मिली ना राम ।
सूत्रो में चर्चाओं का विषय आधा करोड़ से अधिक का खेल हुआ था और इसमे एक बड़ी रकम इन महाशय ने लगाई थी पर राजनीति के इस चतुर खिलाड़ी ने इस भोले भाले नए जनप्रतिनिधि की भावनाओ से खेला और ये बेचारे कही के नही रहे, नेता जी बड़े पद पर तो बैठ गए पार्टी को मजबूरी में खुशी मनाना पड़ा पद तो आ गया पर पार्टी को नुकसान हो गया आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है क्योंकि इनके बड़े पद पर बैठने से पार्टी का एक बड़ा वर्ग और एक समाज विशेष पार्टी से बहुत नाराज है।वैसे नेता जी अब तो बड़े पद पर बैठे है पर जब पद पर नही थे तब भी इनका खेल दमदारी से चलता था ठेकेदारी में इनकी मारक क्षमता पूरे विधानसभा में थी, आज भी इनके भृष्ट कार्य की कारगुजारी हर गांवों में देखने को मिल जाएगी जी एस टी चोरी हो या फर्जी वेंडर या घर के सदस्य ही मेट की हाजिरी में दर्ज हो तो क्या कहने इसमे ये माहिर है।और हाँ अब तो जनपद भी अपनी ओर पंचायत तो अपनी घर की हो गई हैऔर ससुराल भी हमारे माध्यम से पिछले 10 वर्षों में इनके कार्यो का लेखाजोखा प्रस्तुत होगा इनके भ्र्ष्टाचार के किससे बेनकाब होंगे सिल सिलेवार इनके भ्र्ष्टाचार की कहानियों को पढ़िए अगली न्यूज में हम जल्द ही करेगे खुलासा ।