स्कूल तक जाने का रास्ता भी कीचड़ से लवालव, स्कूल जाए तो कैसे जाएं बच्चे, ग्राम सेमरी घाट की दुर्दशा*

 

*स्कूल तक जाने का रास्ता भी कीचड़ से लवालव, स्कूल जाए तो कैसे जाएं बच्चे, ग्राम सेमरी घाट की दुर्दशा*

बरेली संवाददाता। बरेली नगर से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सेमरी घाट का मुख्य रास्ता जहां से आम जनता का आना जाना लगा रहता है, साथ ही इसी रास्ते से माध्यमिक शाला में बच्चे स्कूल पढ़ने कैसे जाते होंगे, यह इस रोड की दुर्दशा बता रही है हालात है हैं कि इस बारिश के मौसम में इतनी कीचड़ है कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते स्कूल तो प्रतिदिन खुलता है स्कूल में शासकीय शिक्षक नहीं होने के कारण शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है, जो समय पर स्कूल प्रतिदिन खोलते हैं मगर बारिश के समय में कीचड़ होने से स्कूल जाने में बच्चे असमर्थ हैं इतनी कीचड़ है कि आम आदमी का निकलना मुश्किल है इसकी शिकायत ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती सीता बाई लाल सिंह ठाकुर ने स्थानीय प्रशासन तहसीलदार को भी शिकायत की है साथ ही ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पारित किया गया है कि बच्चों के उनके भविष्य को देखते हुए इस रोड का सीमेंटीकरण किया जाना जरूरी है, ताकि सुगमता से बच्चे स्कूल पहुंच सके और आम जनता भी आ जा सके इसके पूर्व भी इस रोड की शिकायत उदयपूरा क्षेत्र के विधायक देवेंद्र सिंह पटेल से भी की है उन्होंने भी आश्वासन दिया है कि आम रास्ता पर सीमेंटीकरण ही होना जरूरी है, क्योंकि इस रास्ते से स्कूल बच्चे जाते हैं और ग्रामवासी भी इसी रास्ते से आना जाना लगा रहता है जो मुख्य मार्ग है गांव का विगत दिनों बरेली तहसील निकिता तिवारी ग्राम पंचायत सेमरी घाट पहुंची थी, जहां पर ग्राम वासियों ने कई समस्याओं से उन्हें अवगत कराया था इसमें समस्या भी ग्राम पंचायत सेमरी घाट के लगभग 100 ग्राम वासियों ने क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र सिंह पटेल से मांग की है कि इस मुख्य सड़क को सीमेंटीकरण के साथ जोड़ा जाए इस रोड की लंबाई 500 मीटर है जिसकी अनुमानित लागत 6 से 7 लाख आंकी जा रही है साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध है कि इस आम रास्ते की स्थिति जांच कर इस रोड को तुरंत बनवाया जाए, सूत्रों से मिली जानकारी इसके पूर्व भी ग्राम वासियों की मांग पर क्षेत्र के विधायक देवेंद्र सिंह पटेल ने ₹2लाख की राशि पूर्व की पंचायत को दी थी, ताकि रोड पर कुछ सुधारी करण हो सके मगर अभी वह ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है आम आदमी भी नहीं निकल पाते हैं साथ ही ग्राम पंचायत ने मांग की है कि शासकीय स्कूल में शासकीय शिक्षक की व्यवस्था भी की जा सके, ताकि स्कूल कार्य प्रभावित ना हो स्कूल की स्थिति भी ठीक नहीं है फर्नीचर भी है ना ही बिजली की बिबसता है, शौचालय में गंदगी पड़ी है इन सभी की सूचना ग्राम पंचायत निरंतर शासन प्रशासन को अवगत करा रही है उम्मीद है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं विभाग के संबंधित अधिकारी इस पर जरूर संज्ञान लेंगे

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