शोभापुर के वेयर हाउस में रखा है पुराना घुन लगा चना – लापरवाही से सरकार को हो रहा है लाखों का नुकसान
शोभापुर – एमपीडब्ल्यूलसी वेयरहाउस ढिकवाड़ा में 2018-19 से चना रखा हुआ है, जो आज अपने मूल स्वरूप से बदल कर काला होकर छोटी किवली के रूप में परिवर्तित हो चुका है, जिसे आज मार्केट में बिकना मुश्किल लगता है । वेयरहाउस जाने पर पता चला इसमे 90 प्रतिशत अनाज 3 से 4 साल पुराना है कुछ चना ही 1 साल पुराना है, जिससे पूरा वेयरहाउस में नाफेड का माल रख, प्राइवेट वेयरहाउस वालों को समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, धान एवं मूंग के लिए उपलब्ध कराने की कोशिश की गई है , जिसका उदाहरण कई वेयरहाउस को निर्धारित क्षमता से 25 प्रतिशत अधिक 125 प्रतिशत तक भण्डारण किया गया है ।
क्या इतने लम्बे समय मे कोई भी अनाज अपनी पोषण गुणवत्ता खो नहीं चुका होगा ।
कभी एफसीआई ने इस माल की गुणवत्ता की कोई जांच नहीं की होगी, क्या इसे एफसीआई / नेफेड लेगी ओर न ले पाने की स्तिथि में इस चने का मूल कीमत से कितना नुकसान सरकार को होगा, इतने समय में कितने किराया का नुकसान हुआ होगा इसकी जवाबदेही किसकी होगी ।
उक्त बेयर हॉउस की स्टाक में रखी बोरियों से नमूना लेने पर पाया अनाज धुन कर काला हो चुका है जिसे शायद अब जानवरो की चुनी के रूप में ही उपयोग किया जा सकेगा, इसकी दाल के लिए कोई मिलिंग वाला इसे नहीं के सकेगा ।
गौर करने वाली बात है एफसीआई द्वारा 2018-19 में उक्त बेयर हाउस का परीक्षण हो चुका है और जांच दल द्वारा पास भी किया जा चुका है, यानि कि प्रशासनिक अधिकारियों और वेयर हाउस से जुड़े मालिक और कर्मचारी की जुगलबंदी से एक ओर प्राइवेट वेयर हाउस को फायदा तो वहीं सरकार को घुने चने रखने का किराया भोगना पड़ रहा है ।
अब वो नियम और इसकी कार्य प्रणाली पर संदेह जो था कहीं ना कहीं वह शोभापुर सेक्टर के सरकारी वेयर हाउस की हालत देखने के बाद लगता है सन्देह सच जैसा है, क्या इनकी
कार्यशैली पर कोई रोक लग पाएगी ।
सबसे बड़ा सवाल कि उक्त विषय पर कठोर कदम आखिर उठाएगा कोन ? ।
उक्त सम्बन्ध में बेयर हाउस के शाखा प्रबंधक पन्नालाल भंवर से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा कई बार मेल किये गए हैं नेफेड को जिसका कोई जवाब नही आया है, उन्होंने बताया कि पिछला मेल 25 जून को ही किया गया था लेकिन अभी तक कोई जवाब नही आया है , 4 साल क्यों नही उठी के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले सड़क खराब होने की वजह से नही उठा । घुना गेहूं कैसे नेफेड ले लेगी के सवाल पर वह ज्यादा कुछ नहीं बोले उन्होंने बताया कि 19-20 का माल उठ चुका है जबकि 18-19 का नहीं उठा है, जो करीब 6 हजार मीट्रिक टन होगा ।