खाद का अधिक प्रयोग फसल के लिये नुकसान दायक हो सकता है
: कृषि विभाग के जवाबदेह अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि खाद का अधिक प्रयोग फसल के लिये नुकसान देह हो सकता है इसलिये नियमानुसार ही खाद का इस्तेमाल करे।1 एकड़ में एक से डेढ़ बोरी यूरिया खाद डालें ज्यादा डालने पर मक्के में नुकसान हो सकता है।इसमे आर्मी वर्म का प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है।विकास खंड के मक्का उत्पादक किसानों को यह सलाह दी जाती है कि यूरिया उर्वरक का संतुलित मात्रा में एक से दो बोरी प्रति एकड़ दो बार में डालने की अनुशंसा की जाती है यदि अधिक यूरिया उर्वरक का उपयोग मक्का फसल में किया जाता है तो इस कीट का प्रकोप अधिक होता है अतः समस्त किसान भाई यह सुनिश्चित करें यूरिया का उपयोग संतुलित मात्रा में ही करें।
इसी के साथ ही ये बताया गया कि प्रकाश प्रपंच एवम फेरोमोन प्रपंच खेतो में लगाये इससे निगरानी एव नियंत्रण दोनो होते है।15 से 25 दिन की फसल में पौधों की पोंगली में 4 से 5 ग्राम रेत राख या लकड़ी का बुरादा का भुरकाव करे ये गैर रासायनिक प्रभावी उपाय है।कीट प्रकोप होने पर कृषि वैज्ञानिक या कृषि अधिकारी से पुष्टि होने के बाद ही रासायनिक उपाय करें।लगभग 5 प्रतिशत प्रकोप होने पर रासायनिक कीटनाशक के रूप में डब्लू डी जी 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर या स्पाइसनोसेड 45 एस सी 200 से 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर इथि फेनप्राक्स 10 ई सी 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या एमामे क्तिन बेंजोएट 5 एस जी का 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15 से 20 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव करें।प्रथम छिड़काव बुआई के 15 दिन की अवधि में अवश्य करे।
किसान भाई इस प्रकार खाद और कीटनाशक का उपयोग करे तो फसल को नुकसान नही होगा।