सारिका ने समझाया ग्रहकतार का साइंस ग्रह थे अपने गृह में लेकिन दिख रही थी उनकी आभासी कतार – सारिका घारू

आसमान में ग्रहों की आभासी कतार को दिखाने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने विद्याविज्ञान कैंप का आयोजन किया। इसमें टेलिस्कोप की मदद से ग्रहदर्शन कराया गया। सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया पर ग्रहों की कतार को इस तरह बताया जाता है जैसे कि ग्रह सचमुच में एक लाईन में आ गये हो, लेकिन वास्तव में हर ग्रह की अपना परिक्रमा पथ है। वे अपने ही पथ पर चलते हुये सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं।

 

सारिका ने बताया कि आज के दिन बुध जहां लगभग 18 करोड़ किमी तो जुपिटर 88 करोड़ किमी और यूरेनस 305 करोड़ किमी से अधिक दूर था। इनका पृथ्वी से देखने पर कोण इस प्रकार बन रहा था कि ऐसा लगा कि वे एक कतार में हैं।

 

सारिका ने बताया कि 5 ग्रहों में से वीनस को तो उसकी चमक के कारण और चंद्रमा के पास स्थित मार्स को उसकी लालिमा के कारण पहचाना जा सकता था। जुपिटर और मरकरी अस्त होते सूर्य के पास थे इसलिये कुछ देर ही दिखे। यूरेनस को सिर्फ टेलिस्कोप की मदद से ही देखा जा सका।

 

सारिका ने बताया कि ग्रहों के परिक्रमा करते रहने से वे कुछ माह के अंतराल से रोचक स्थिति में आते रहते हैं लेकिन इस प्रकार की घटनायें आमलोगों को खगोलविज्ञान समझने के लिये प्रेरित करती हैं।

 

 

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