परियोजना अधिकारी ने वसूली के लिये डिजिटल तरीका अपनाया आमला के साहब बाबू का नया खेल
ओकेश नाइक जिला ब्यूरो बैतूल
एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना के परियोजना अधिकारी चयेंद बुढेकर का एक और कारनामा उजागर हुआ।इन साहब ने जिले में अपनी छवि प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में बना रखी है।ये सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी से निकटता बना कर रखता था और पूरे जिले में अपने आप को जिला कार्यक्रम अधिकारी का सबसे खास बताता था।पूर्व के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी इनके बहुत निकट थे।ये साहब इन जिला कार्यक्रम अधिकारियों की सभी प्रकार से सेवा करते थे।बकायदा जिले के सभी परियोजना कार्यालय और परियोजना अधिकारियों से वसूली कर जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पहुंचाते थे।किस प्रकार वसूली करना है इसके लिये जिले के सभी परियोजना अधिकारियों और कर्मचारियों का एक व्हाट्सअप ग्रुप बना रखा था।इस व्हाट्सअप ग्रुप के एक सदस्य ने नाम न छपने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि इस ग्रुप में कितना और किस प्रकार से वसूली करना है और साहब तक पहुंचाना है उसका उल्लेख रहता था।इस व्हाट्सअप ग्रुप में चयेंद बुढेकर बराबर सभी को निर्देश देते थे इस ग्रुप के ग्रुप एडमिन ये स्वयं है वर्तमान में भी ये व्हाट्सअप ग्रुप सक्रिय है।साथ ही वसूली के लिये सभी से व्हाट्सअप कॉलिंग से ये साहब वसूली के निर्देश देते थे ताकि कॉल रिकार्ड न हो सके।साथ ही ये सभी को भ्र्ष्टाचार के नए नए तरीके इस ग्रुप के माध्यम से सभी को बताते थे।डिजिटल माध्यम से भ्र्ष्टाचार इनकी खूबी है।आमला के साथ साथ इनके पास वर्तमान में आठनेर का भी चार्ज इनके पास है और आठनेर में भी इन्होंने अपना एक विश्वसनीय कर्मचारी को इसके लिये लगा रखा है जिसके माध्यम से ये भ्र्ष्टाचार को अंजाम देते रहते है।साथ ही आमला में भी इन्होंने वसूली के लिये कुछ गैर सरकारी लोगो को लगा रखा है कुछ ग्रामीण जनों के माध्यम से ये वसूली करते है और बाद में उसमें से कुछ हिस्सा उन्हें भी दे देते है इनके काल डिटेल के माध्यम से उन लोगो की जानकारी मिल सकती है।कुछ नाम तो आमला के चाक चौराहों पर चर्चित भी है।इनके द्वारा संचालित भ्र्ष्टाचार के इस व्हाट्सअप ग्रुप की साइबर सेल से डिटेल निकाल ली जाए तो बहुत बड़ा मामला भ्र्ष्टाचार का उजागर हो सकता है।इन साहब की भ्र्ष्टाचार की जड़े चारो ओर फैली है।जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की चापलूसी करके ये हमेशा बच जाते है।इसी के साथ ही एक बड़ा घोटाला और सामने आ सकता है।इन साहब ने आमला की कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ के बैंक खाते में इन्होंने विभिन्न योजनाओं बड़ी बड़ी राशि डलवा रखी है जिनसे मनमाना तरीके से निकलवा कर ये खर्च करते रहते है।अपने भ्र्ष्टाचार के लिये ये भोले भाले कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का उपयोग करते है सहयोग न करने पर सेवा से निकालने की धमकी भी देते है।इनसे सभी डरे हुए है।आमला से इन्हें तत्काल हटाकर यदि आमला के कर्मचारियों,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओं से इनके बारे में पूछा जाए तो बहुत बड़ा घोटाला भ्र्ष्टाचार का मामला सामने आ सकता है।इन्होंने सभी को भयभीत कर रखा है इसलिये विभाग का कोई भी इनके खिलाफ बोलने से डरता है।आमला से इन्हें हटाकर यदि जांच हो गई तो बहुत बड़ा मामला सामने आ सकता है।इनके द्वारा भारी गड़बड़ी की गई है।आमला कार्यालय में पदस्थ इनके बाबू दीपांक शुक्ला जो कि नियुक्तियों में भ्र्ष्टाचार की वजह से पूर्व में दो बार निलंबित हो चुके है।चयेंद बुढेकर द्वारा पूरे जिले में प्रायः प्रायः हर विकासखंड और शहरी परियोजनाओं में हो रही नियुक्तियों में आवेदकों को तुम्हारा चयन करवा दूंगा इस प्रकार हतकंडे अपना कर आवेदिकाओ से अच्छी खासी अवैध वसूली करते है और जिला स्तरीय चयन समिति में चयेंद्र बुढेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में साथ रहते थे और भर्ती की सम्पूर्ण प्रक्रिया में सहभागी बनकर चयनित आवेदकों से अवैध वसूली अपने बाबू के माध्यम से करते थे।इनके मोबाइल के काल डिटेल निकाल ली जाए तो सब सच सामने आ सकता है।
साहब और बाबू के भ्र्ष्टाचार के और कारनामे अगले अंक में पढ़िए।