ई स्टांप के लिए जनता हो रही परेशान_ पंजीयन विभाग नहीं ले रहा सुध
( पंकज पाल जिला ब्यूरो चीफ )
होशंगाबाद/पिपरिया – ज्ञात हो कि लगभग पूरा हफ्ता समाप्त हो गया है नया हफ्ता शुरू हो गया है, परंतु जरूरतमंदों को भुगतान के बाद भी स्टांप नहीं मिल पा रहे है ।
जानकारी अनुसार जिला पंजीयक कि कार्यालय में अनुपस्थिति होने के कारण फंसे हुए रिप्रिंट प्राप्त नहीं हो पाए हैं जिस कारण लाखों रुपए के स्टाम्प अधर में लटके हुए है और लोगों के कई लोन और अन्य प्रकरण रुके पड़े हैं ।
स्टांप वेंडरों/सर्विस प्रोवाइडर का साफ कहना है कि अगर किसी तकनीकी त्रुटि के कारण या सर्वर डाउन होने से अगर ई स्टांप प्राप्त नहीं हो पाता है तब भी आपको भुगतान जमा कराना अनिवार्य होगा |
क्या है स्टाम्प के रीप्रिंट की पूरी प्रक्रिया
जानकारी अनुसार जिला पंजीयक द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई भी स्टांप किसी भी तकनीकी समस्या के चलते नहीं निकल पाते हैं तो उसके रिप्रिंट हेतु स्टांप वेंडरों को अपने उप पंजीयक/पंजीयक को आवेदन दे कर उसकी कॉपी को सर्टिफाइड करा कर जिला पंजीयक को ईमेल करना होता है जिसके बाद जिला पंजीयक के हैंड से रिप्रिंट का ऑप्शन दिया जाता है, जरूरतमंदों का कहना है कि दुकान वाले पहले पैसा जमा करा लेते हैं उसके बाद स्टांप देते हैं अगर 1-2 दिन में स्टाम्प निकल गया तो ठीक है नहीं तो जब निकलेगा तब देते है जिसकी कोई समयसीमा तय नही है, कई बार तो रिप्रिंट प्राप्त भी नहीं हो पाता और आदमी मजबूरीवश पुनः भुगतान करके दूसरा स्टाम्प बनवाने को मजबूर हो जाता है, इस ऑनलाइन प्रक्रिया को आरंभ हुए लगभग 6 वर्ष हो चुके हैं परंतु अभी तक इन त्रुटियों को लेकर कोई सुधार व्यवस्था पुख्ता रूप से लागू नहीं की, वही ऑफलाइन स्टांप की बिक्री रोक कर सरकार ने हजारों बच्चों को स्टांप वेंडरों के चक्कर लगवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी रोज सैकड़ों छात्र- छात्राओं को परेशान होना पड़ता है, पहले 50 और 100 रुपए के मैन्युअल स्टांप भी आसानी से मिल जाते थे परंतु अब उनका भी इतना ढूंढना ऐसा हैं कि जैसे चिराग लेकर मैनुअल स्टांप ढूंढ लेंगे तब भी उनका मिल पाना असंभव होगा, वहीं दूसरी ओर जिला पंजीयक कार्यालय में मैनुअल स्टाम्प की बिक्री के लाइसेंस हेतु कई लोगों के आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं जिस पर जिला पंजीयक या आईजी मुद्रांक का ध्यान ही नहीं जा रहा जनता परेशान हो रही है ।