म.प्र.का यात्री बस परिवहन खतरे में और सरकार मौन- बस संचालकों की बड़ी चिंतायें – इंटक

( पंकज पाल जिला ब्यूरो चीफ )

 

पिपरिया- कोविड काल में जारी रहे जनता कर्फ्यू और जनता को आदेश घरों से न निकलने के चलते म.प्र. का यात्री बस परिवहन अप्रेल, मई,जून माह में बन्द रहा और जुलाई में भी मात्र 40 प्रतिशत बस संचालन हो रहा है वह भी डीजल के शतक लगाने से घाटे में चल रहा है।
इंटक, बस आनर्स एसोसियेशन, प्राइमरुट बस एसोसियशन के तमाम अनुनय विनय के वावजूद सरकार ने न तो टैक्स शून्य किया ना k/o फोर्म का निराकरण किया है फोर्म ओ के निराकरण के लिये तो डी.एम.का बस संचालन वन्द रखने का आदेश मांगा जा रहा है जो निकला ही नहीं,अब कौन समझाये कि जनता के घरों से निकलने पर प्रतिबंध, स्कूल कालेज, दफ्तर कोर्ट कचहरी, बाजार बन्द रहने पर बस संचालक किस को बैठाकर बस चलाते? सरकार बस संचालकों की मांगो को अनदेखा कर उनका खुला शोषण कर रही है यह आरोप म.प्र.ट्राँसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन इंटक प्रदेश महासचिव प्रवेश मिश्रा ने लगाते हुये कहा है कि असंचालन अवधि का टैक्स वकाया दिखने से टी.पी., फिटनेश आदि का भी कार्य नहीं हो पा रहा है जिससे टी.पी.पर चलने वाली बसें खड़ी हुई हैं, फायनेंशर बसें खींचने की तैयारी में हैं जिससे करीब 1.50 लाख बस कर्मचारी पुन: बेरोजगार होने की कगार पर हैं, फिर भी सरकार मौन है, यह स्थिति बस संचालक एवं स्टाफ के लिये जान लेवा वनती जा रही है ।
जिस भी मंत्री, सांसद, विधायक से संचालक मिलते हैं तो उन्हे लम्वे समय से सिर्फ आश्वासन मिलता है परिणाम नहीं?
परिवहन मंत्री व मुख्यमंत्री से चर्चा का आश्वासन देकर भूल जाते है और एक माह में स्वयं की घोषणा का टैक्स जमा करने की अवधि बढ़ाने का आदेश भी परिवहन विभाग से नहीं करा पाये हैं वड़ी विकट स्थिति है।
इंटक महासचिव मिश्रा नें कहा कि सरकार बस संचालकों की मांगों का निराकरण न कर उन्हे आन्दौलन/हड़ताल करने पर विवस कर रही है, यदि हड़ताल हुई तो जनता तो परेशान होई जावेगी स्टाफ की रोजी रोटी वन्द हो जावेगी और यदि इस बार हड़ताल हुई तो उग्र होगी ।
इंटक महासचिव मिश्रा नें कहा कि यदि 10 दिवस में सरकार ने मांगे नहीं मानी तो बस संचालक हड़ताल और कर्मचारियों के द्वारा आन्दोलन को कोई भी नहीं रोक सकता, इसलिये परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री, सरकार के आला अफसर बस संचालकों की मांगों का शीघ्र निराकरण करें, सक्ता पक्ष एवं विपक्ष तथा जन प्रतिनिधि भी इस ओर गम्भीरता से ध्यान दें ।इंटक महासचिव मिश्रा ने कहा कि हम प्रधानमंत्री, भारत सरकार के परिवहनमंत्री, वित्त मंत्री, राष्ट्रीय आपदा प्रवंधन प्राधिकरण से भी हस्तक्षेप की मांग करते हैं ।

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