मड़ई पार्क में पर्यटकों को नहीं दिखेगी छोटे हाथी की अटखेलिया, नटखट हाथी विक्रमादित्य की मौत

सतपुड़ा नेशनल पार्क के उच्च अधिकारी, डॉक्टर व अमले के साथ मौके पर

सोहागपुर //सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई स्थित हाथी कैंप में अब नटखट छोटे हाथी विक्रमादित्य की अटखेलियां पर्यटकों को नहीं दिखाई देगी। बीती रात नन्हे हाथी विक्रमादित्य की मौत हो गई है , मड़ई पार्क के हाथी कैम्प में विक्रम सबसे छोटा हाथी था, बताया जा रहा है कि विक्रमादित्य कुछ दिनों से बीमार था, लेकिन अभी हाथी की मौत के कारणों का एसटीआर के अधिकारियों ने खुलासा नही किया है।नन्हे हाथी की मौत की सूचना मिलते ही फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति और डीएफओ पूजा नागले, सहायक संचालक अंकित जामोद सहित सभी अधिकारी मौके पर पहुचे है।

प्रदेश के सबसे बड़े सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मड़ई पार्क में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले नन्हे हाथी विक्रमादित्य उर्फ विक्रम की मौत हो गई है। विक्रम हाथियों के दल में सबसे छोटा था , विक्रम की माँ प्रिया के दो बच्चे है जिनमे एक विक्रम जिसकी उम्र 5 साल है वही लक्ष्मी की उम्र 8 साल के लगभग है

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मड़ई में वाइल्ड लाइफ को देखने वाले टूरिस्ट के लिए हाथी कैम्प के सिद्धनाथ (नर हाथी) अंजूगम (मादा,) प्रिया (विक्रम की माँ), लक्ष्मी ओर विक्रम आकर्षण का केंद्र होते थे, अंजूगम (मादा हाथी ) की उम्र 60 साल से ज्यादा होने पर एसटीआर से रिटायर्ड कर दिया गया है लेकिन एसटीआर के मड़ई पार्क में वन विभाग के कर्मचारियों सहित टूरिस्ट के लिये सबसे खास विक्रम अब दिखाई नही देगा, विक्रमादित्य खास का छोटे बच्चों की खासी पसंद हुआ करता था हाथी पार्क में सफारी के बाद पर्यटकों के साथ आए बच्चे विक्रमादित्य की अटखेलिया देखकर रोमांचित हो जाते थे। रात में हुई मौत की सूचना के बाद सुबह एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति , डीएफओ पूजा नागले, सहायक संचालक एसटीआर अंकित जामोद सहित वाइल्ड लाइफ डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा हाथी कैम्प पहुच गए है, एसटीआर के अधिकारियों ने फिलहाल विक्रम की मौत के कारणों का खुलासा नही किया है, लेकिन अब विक्रम का पोस्टमार्टम कर उसका अंतिम संस्कार वाइल्ड लाइफ गाइडलाइंस के अनुसार किया जा रहा है। उधर सहायक संचालक अंकित जामोद ने विक्रम की मौत की पुष्टि करते हुए कहा है कि पोस्टमार्टम और जांच के बाद ही मौत के कारण का खुलासा किया जाएगा।

   मड़ई पार्क रेंज में देश विदेश से वाइल्ड लाइफ को देखने आने वाले टूरिस्ट को हाथियों को नजदीक से देखना किसी आश्चर्य से कम नही होता। कुछ समय पहले तक हाथियों की सवारी करवा कर टूरिस्ट को जंगल सफारी करवाई जाती थी,लेकिन अभी फिलहाल हाथी की सवारी बन्द कर दी गई है। हाथी कैम्प में सिद्धनाथ, प्रिया , लक्ष्मी , विक्रम हाथी थे, जिनमे विक्रम अब दिखाई नही देगा।

इनका कहना है।

विक्रमादित्य हाथी जो पार्क में सबसे छोटा हाथी था उसकी मौत हो गई है, लेकिन अभी मौत किन कारणों से हुई है इसका खुलासा नही किया जा सकता, वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में जांच और पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जिसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

अंकित जामोद, सहायक संचालक एसटीआर सोहागपुर।

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