शील सिंधु हैं राघव – माधव मूर्ति हैं माधव — पण्डित श्याम मनावत

भगवान राम पूर्णतः धर्म नीतिज्ञ थे और भगवान कृष्ण पूर्णतः कूट नीतिज्ञ थे ।श्री राम मर्यादा पुरषोत्तम थे तो श्री कृष्नश्री लीला पुरषोत्तम ।भगवान श्री राम के जीवन में पद्धति प्रधान थी चाहे परिणाम जो मिले परंतु श्री कृष्ण के जीवन में परिणाम महत्त्व पूर्ण था पद्धति जो भी उपयोग करना पड़े ।
ये विचार मानस मर्मज्ञ पण्डित श्याम जी मना वत ने व्यक्त किए । ग्राम अन्नधारिय में चल रहे भागवत सप्ताह में आज भगवान राम के जन्म की लीला का आयोजन किया गया । भगवान के जन्म के समय जय जय कार से पांडाल गूंज उठा । हर एक श्रोता भक्ति की धारा में डूब गया । सब ने भगवान के जन्म की बधाइयां लूटी ।लगता था आज अयोध्या यही प्रगट हो गया है ।
कथा व्यास श्री मना वत जी ने कहा कि भक्ति भाव का ही ये प्रभाव की वह हम भगवान के समीप होने की अनुभूति कराती है ।।जिसके हृदय में जितनी भक्ति प्रगट होगी उतना वह प्रभु के निकट होगा ।आसक्ति दूर करती है और भक्ति पास लाती है ।

जवाब जरूर दे 

आपके शहर में विकास की गति है

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129