प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शोभपुर में लापरवाही के चलते 5 माह के बच्चे ने कोख में तोड़ा दम
शोभापुर- यूं तो प्रदेश की सरकार महिला सुरक्षा व जच्चा बच्चा की जान को लेकर अनेक वादे करती नजर आती है और ऐसी कई योजनाएं भी चालू कर रखी है जिससे प्रसूताओं को अपने नजदीक के स्वास्थ केंद्र में ही सुविधा प्राप्त हो सके, मगर ऐसी एक घटना जो कि अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही से की गई हो उस पर सरकार पर ठीकरा फोड़ना उचित नही कहा जा सकता एक ऐसी घटना जिसने एक परिवार से उसका आने वाला भविष्य ही छीन लिया वो भी चार माह पूर्व होशंगाबाद जिले की सोहागपुर तहसील के अंतर्गत शोभापुर ग्राम पंचायत के स्वास्थ केंद्र का मामला जिसमे एक वैवाहित महिला के पांच माह का गर्व स्वास्थ केंद्र की लापरवाही के चलते दुनिया देखने से पहले ही खत्म हो गया ।
ग्राम के ही निवासी सचिन ने बताया कि मेरी भाभी को पांच माह का गर्भ था आज उन्हें अचानक प्रसव पीड़ा होने से तुरंत शासकीय अस्पताल शोभापुर लाया गया मगर यहाँ एक भी स्टाफ मौजूद नही मिला समय पर उपचार नही मिलने से प्राइवेट आया ने उन्हें तुरंत गर्भपात करने की सलाह दी अन्यथा महिला को भी जान का खतरा बन रहा था स्वास्थ्य अधिकारियों को संपर्क करने की बहुत कोशिश की मगर मीटिंग में व्यस्त होने के कारण संपर्क नही हो पाया, वही अस्पताल में पदस्त नर्स ने बताया कि मेरी ड्यूटी सेम्पलिंग में लगी हुई थी व इमरजेंसी केस को ही देखती हूं ।
गौरतलब हो कि जिले भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए गए उम्दा इंतेजाम बस ड्यूटी व मीटिंग तक ही सीमित है क्या स्टाफ की कोई कर्तव्य नही जो इतने इमरजेंसी केस को हेंडिल कर सके ।