आयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला

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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने अयोध्या मामले पर यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है
मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है.सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं. देश के सभी लोगों को इसका खुले दिल से सम्मान करना चाहिए.कुछ दिनों तक विवादित परिसर में नमाज पढ़ने की वजह से मुस्लिमों को अलग जगह मस्जिद के लिए दी गयी जमीनमुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन किसी दूसरी अच्छी जगह दी जाएगी.अंग्रेजों के आने के पहले से हिंदू राम चबूतरा और सीता रसोई की पूजा करते थे, सबूत बताते हैं कि विवादित जमीन के बाहरी हिस्से में हिंदुओं का कब्जा था-सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अयोध्या मामले में फैसला कानून के आधार पर ही दिया गया है.सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता.निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट से झटका ASI यह साबित नहीं कर पाया कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को ध्वस्त कर किया गया था ।
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर फैसला पढ़ते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मीर तकी ने बनाया था. कोर्ट धर्मशास्त्र में पड़े, यह उचित नहीं, प्लेसेज ऑफ वर्शिप कानून सभी धार्मिक समूहों के हितों की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को बताता है.

पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं यह बात हम पहले से ही कह रहें हैं। यह ऐतिहासिक फैसला है।

फैसले के बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर देश के लोगों से शांति बना रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।

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