अधिकारी नही दे रहे शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं पर ध्यान

रिपोर्टर,सुमित महतकर आमला

आमला ग्राम पंचायत छावल में जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण कराया गया. इतने बुरे हाल है की पानी की टंकी में लगे लोहे ने कंक्रीट छोड़ना चालू कर दिया है.लउसमें पानी भरने से पहले ऐसा लग रहा है की टंकी ही जमीदोज हो जाए . इतना ही नहीं टंकी में कई जगह सीडियो पर और टैंक के पास लोहे की छड़ों से कंक्रीट झड़ता नजर आ रहा है.पीएचई विभाग में किस तरह से भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. वो आप इस फोटो को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं. छावल पंचायत में नल से जल देने का कार्य इस योजना से देना है. इस योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण हुआ. अभी इस पर पुताई की गई है लेकिन कोई कह नही सकता की यह नवीन निर्माण किया जा रहा है.

 

योजना में पलीता लगाने में लगे हैं पीएचई अधिकारी

 

केंद्र में बैठी मोदी सरकार की स्पष्ट मंशा है कि गांव हो या शहर माताओं और बहनों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना ना पड़े इसलिए पूरे देश में जल जीवन मिशन योजना शुरू की गई है। लेकिन इस देश का दुर्भाग्य कहें कि केन्द्र सरकार की इस योजना का पीएचई विभाग के अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर पलीता लगाने में लगे हुए हैं।

 

हर काम में कर रहे गड़बड़ी

 

पीएचई के अधिकारी स्वार्थ पूर्ति के लिए मिशन के कार्यों में जमकर गड़बड़ी कर रहे हैं। ऐसी कई ग्रामीण क्षेत्र की शिकायते है चाहे पाईप लाईन बिछाना हो, घरों में निजी और गलियों के सार्वजनिक नल लगाना हो, स्टैंड पोस्ट लगाने के लिए प्लेटफार्म निर्माण हो, ओवर हेड टंकी निर्माण समेत सभी कार्यों में गुणवत्ताहीन कार्य कर भष्ट्राचार में पूरी तरह से लिप्त हैं। बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है। आखिर जनता अपनी बातें कहां रखे। कहने को तो सरकार अपनी बड़ी बड़ी बातें करती है। लेकिन उनके नुमाइंदे धरातल में इसे कुछ और रूप देने में नजर आते है।

 

आमला ग्राम पंचायत छावल में जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण कराया गया. इतने बुरे हाल है की पानी की टंकी में लगे लोहे ने कंक्रीट छोड़ना चालू कर दिया है.लउसमें पानी भरने से पहले ऐसा लग रहा है की टंकी ही जमीदोज हो जाए . इतना ही नहीं टंकी में कई जगह सीडियो पर और टैंक के पास लोहे की छड़ों से कंक्रीट झड़ता नजर आ रहा है.पीएचई विभाग में किस तरह से भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. वो आप इस फोटो को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं. छावल पंचायत में नल से जल देने का कार्य इस योजना से देना है. इस योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण हुआ. अभी इस पर पुताई की गई है लेकिन कोई कह नही सकता की यह नवीन निर्माण किया जा रहा है.

 

योजना में पलीता लगाने में लगे हैं पीएचई अधिकारी

 

केंद्र में बैठी मोदी सरकार की स्पष्ट मंशा है कि गांव हो या शहर माताओं और बहनों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना ना पड़े इसलिए पूरे देश में जल जीवन मिशन योजना शुरू की गई है। लेकिन इस देश का दुर्भाग्य कहें कि केन्द्र सरकार की इस योजना का पीएचई विभाग के अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर पलीता लगाने में लगे हुए हैं।

 

हर काम में कर रहे गड़बड़ी

 

पीएचई के अधिकारी स्वार्थ पूर्ति के लिए मिशन के कार्यों में जमकर गड़बड़ी कर रहे हैं। ऐसी कई ग्रामीण क्षेत्र की शिकायते है चाहे पाईप लाईन बिछाना हो, घरों में निजी और गलियों के सार्वजनिक नल लगाना हो, स्टैंड पोस्ट लगाने के लिए प्लेटफार्म निर्माण हो, ओवर हेड टंकी निर्माण समेत सभी कार्यों में गुणवत्ताहीन कार्य कर भष्ट्राचार में पूरी तरह से लिप्त हैं। बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है। आखिर जनता अपनी बातें कहां रखे। कहने को तो सरकार अपनी बड़ी बड़ी बातें करती है। लेकिन उनके नुमाइंदे धरातल में इसे कुछ और रूप देने में नजर आते है।

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