सादगी से मनाई गई संत शिरोमणि भूरा भगत जयंती
( पंकज पाल जिला ब्यूरो चीफ )
पचमढ़ी – पचमढ़ी कतिया समाज संगठन के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार बान द्वारा संत शिरोमणि भूरा भगत की जयंती पर विस्तार से
बताया ।
अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार बान ने बताया कि भगवान श्री राम के कुल में चक्रवर्ती सम्राट राजा भरत हुए, इन्हीं के नाम से हमारे देश का नाम भारत पड़ा अनेक संप्रदायों समय समय पर संत महात्माओं ने जन्म लेकर समाज को अपनी अध्यात्म की शक्ति से सिंचित कर फलीभूत किया एवं समस्त जनमानस का मार्गदर्शन किया, लगभग 13 वी शताब्दी के आरंभ में प्राचीन काठियावाड़ समाज अब कतिया समाज कहे जाने वाले समाज में संत शिरोमणि भूरा भगत जी महाराज का प्राकट्य उत्सव हुआ, बचपन से ही आपके मन में शिव भक्ति की अटूट विश्वास एवं लगन थी, आपने अपनी जीवन संगनी को साथ लेकर भगवान शिव के प्रिय प्राचीन स्थल सतपुड़ा के घने जंगलों में बसे ग्राम सांगाखेड़ा को भक्ति के लिए चुना जो की चौरागढ़ धार्मिक तपोभूमि से महज़ 5 कि मी दूरी पर स्थित है, आपकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर, तीनों लोकों के स्वामी भगवान शिव ने आपको संपत्नीक दर्शन दिए जो आदिवासी क्षेत्र अनंत वर्षों से वीरान था ।
आपके मात्र पदार्पण से वह दिन दुगनी रात चोगनी तरक्की करने लगा, आख़िर में आप अपनी धर्म संगनी के साथ यही शिव भक्ति मे लीन हो गए, आज आपके नाम से ही यह गांव भूरा भगत भारत वर्ष में जाना जाता है ।
संत शिरोमणि श्री श्री 1008 श्री भूरा भगत जी महाराज की जयंती पर सामाजिक पदाधिकारियों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सादगी से मनाई भूरा भगत जयंती, पचमढ़ी कतिया समाज संगठन के इस कार्यक्रम में अध्यक्ष सुरेंद्र बान, पूर्व अध्यक्ष जीवन लाल नागवंशी, पूर्व अध्यक्ष हुकुमचंद नागवंशी, उपाध्यक्ष प्रमेंद्र गायकवाड, सचिव मुकेश बान, राजू नागवंशी, उज्जवल महल इस पूजन में सम्मिलित हुए तथा गुड़ चना नारियल प्रसाद समाजिक घरों में वितरित किया गया ।