विकसित भारत 2047″ के अंतर्गत हाइड्रोपोनिक फार्मिंग और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के विषय पर कार्यक्रम आयोजित

 

 

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, 19 दिसंबर 2023: बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने “विकसित भारत 2047” के अंतर्गत हाइड्रोपोनिक फार्मिंग और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के विषय पर आयोजित एक्सपर्ट लेक्चर के माध्यम से वर्तमान कृषि पद्धति की महत्ता को बढ़ावा देने का संदेश दिया।

 

इस उत्कृष्ट अवसर हाइड्रोपोनिक और जैविक खेती के विषय सहित पंचमहाभूत प्राकृतिक कृषि पर प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया।

 

कार्यक्रम में, सामाजिक कार्यकर्ता, अजय सिंह राजपूत, ने विभिन्न वैज्ञानिकों, प्राध्यापकों और छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने प्रदर्शित किया कि पंचतत्व कृषि पद्धति कैसे पंचमहाभूतों को शुद्ध, जीवंत और पवित्र करके फसलों के लिए एक आत्मनिर्भर और आत्म-विकास प्रणाली को स्थापित करती है।

 

इस प्रणाली ने वैदिक और आधुनिक प्रणालियों को संयोजित कर, पर्मा कल्चर, बायो डायनामिक, नैनो और माइक्रो तकनीक को एक साथ मिलाकर एक नई दिशा दी है। इसके परिणामस्वरूप देशभर में 18 फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, और 20,000 से अधिक कृषक इस तकनीक से पंचतत्व युक्त खाद्य फसलों का उत्पादन कर रहे हैं।

 

राजपूत ने बताया की पंचमहाभूत कृषि के शोधकर्ता व कृषक  ताराचंद बेलजी, जो की बालाघाट जिले के कनई ग्राम से हैं उन्होंने अपने शोध और प्रयोगो को संयोजित कर इस तकनीक को कृषक समुदाय के बीच अनुप्रयोग के लिए प्रेरित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं उनकी इस महत्त्वपूर्ण भूमिका से देश के हज़ारो किसान लाभांन्वित हुए है।

 

सृष्टि बागबानी परामर्श केंद्र के संस्थापक  कमल सिंह तोमर और  एस.के. महाला, (बागबानी के सेवानिर्वृत सरकारी अधिकारीयो), ने हाइड्रोपोनिक और जैविक खेती के नवाचारों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कृषि तकनीक के लाभों और इसके प्रयोग में आने वाली संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

 

इस अवसर पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. अनिता तिलवारी ने माननीय प्रधानमंत्री की पहल “विकसित भारत 2047” पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि शिक्षा और अनुसंधानों के माध्यम से कृषि में नवाचारों सहित सूक्ष्मजीव आधारित कृषि पदध्ति और विज्ञान के संयोजन और प्रयास पर बल देना होगा। उन्होंने कहा की माननीय प्रधानमंत्री के विचारों अनुरूप विज्ञान, शिक्षा और कृषि में आत्मनिर्भरता के मंत्र से एक ऐसा वातावरण बनाना होगा जो शहरी और ग्रामीण पीढी और नागरिकों को विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित करे।

 

इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में भाग लेने वाले सभी उपस्थित लोगों ने तकनीकी नवाचारों और समृद्धि के प्रति उत्साह दर्शाया।

 

सभागृह में अतिथि वक्ता अजय सिंह राजपूत (सामाजिक कार्य कर्ता), कमल सिंह तोमर (रिटा. एसएचडीओ एवं विशेषज्ञ हाइड्रोपोनिक्स खेती), एस.के. महाला (आरईटी एसएचडीओ एवं विशेषज्ञ जैविक खेती), माइक्रोबायोलॉजी विभाग विभाग प्रमुख – डॉ. अनिता तिलवारी, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार स्नेही, डॉ. प्रीतिबाला सोलंकी, कृषि विज्ञान से डॉ स्मृति चौहानएवं सुश्री नेहा पालीवाल, वनस्पति विज्ञान से डॉ. राजश्री सिन्हा श्री राम प्रसाद कुशवाह सहित बीएससी (ऑनर्स) कृषि, एमएससी कृषिविज्ञान, एमएसस माइक्रोबायोलॉजी (सूक्ष्मजीव विज्ञान), एमएससी बॉटनी (वनस्पति विज्ञानं) एवं एग्रोनोमी (शास्य विज्ञान) के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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