
धोखाधड़ी एवं कूटरचना के अपराध में 7 वर्ष की हुई सजा, जीवित व्यक्ति को मृत बताकर कराई थी भूमि अपने नाम और कर दी विक्रय
( पंकज पाल विशेष संवाददाता )
पिपरिया _ द्वितीय अपर सत्र न्यायालय पिपरिया न्यायाधीश श्रीमती अर्चना रघुवंशी द्वारा थाना स्टेशन रोड पिपरिया के अपराध क्रमांक 361/2023 मध्य प्रदेश शासन विरुद्ध प्रीतम भरिया एवं अन्य अंतर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 120B भा.द.स. मे आरोपी प्रीतम भरिया, गौरी बाई को धारा 420, 467, 468, 471, 120B मे क्रमशः 3 वर्ष, 7 वर्ष, 3 वर्ष, 3 वर्ष, 6 माह एवं 2500 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई सभी सजाएं एक साथ चलेंगी ।
अपर लोक अभियोजक रविंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि आरोपीगण ने दिनाक 06/12/21 में तहसील कार्यालय पिपरिया में सुपाल सिंह पिता फक्कड़ सिंह की भूमि खसरा नंबर 3,6/3, 6/4, 6/5 कुल रकवा 3.014 हेक्टर पर फर्जी रूप से सुपाल सिंह की मृत्यु होना बताकर और स्वयं को सुपाल सिंह का वारसन होना बताकर फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर साथीगणों के साथ मिलीभगत कर नामांतरण कराकर अन्य लोगों को उक्त भूमि विक्रय कर लाभ प्राप्त किया, सुपाल सिंह पिता फक्कड़ सिंह निवासी ग्राम डोब तहसील बाबई जो भूमि स्वामी ने जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर नर्मदापुरम एवं एसडीएम पिपरिया के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर जांच की मांग की थी जिस पर से कलेक्टर द्वारा एसडीएम पिपरिया को उक्त के संबंध में जांच करने हेतु निर्देशित किया था जिस पर से एसडीएम पिपरिया द्वारा जांच उपरांत नायब तहसीलदार को प्रथम सूचना रिपोर्ट कराने हेतु आदेशित किया था तब मामला धोखाधड़ी एवं फर्जी कूटरचित दस्तावेजों संबंधित विभिन्न धाराओं में थाना स्टेशन रोड पिपरिया में पंजीबद्ध हुआ था जिसमें आरोपीगण ने सुपाल सिंह पिता फक्कड़ सिंह को मृतक बताकर स्वयं उसके बरसान बनकर फर्जी और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर भूमि अपने नाम कराकर विक्रय कर दी थी ।
प्रकरण में अन्य आरोपीगण बड़ी बाई, सुखवती बाई, शकुन बा, हेमलता, अरविंद, प्रदीप और गोकल प्रसाद के फरार होने से केवल तीन आरोपीगण का विचारण किया गया था जिनमें एक आरोपी हल्का पटवारी प्रवीण मेहरा की विचारण के दौरान मृत्यु हो गई थी तब उक्त निर्णय दो आरोपीगण प्रीतम भरिया व गोरी बाई के विरुद्ध पारित किया गया, प्रकरण में अभियोजन की ओर से 37 साक्षियों की साक्ष्य कराई गई थी ।