किराना दुकानों में धड़ल्ले से बिक रहा खाद,बीज एवं कीटनाशक
(आकाश पाठे जिला ब्यूरो चीफ छिन्दवाड़ा)
छिंदवाड़ा/दमुआ:जुन्नारदेव विकासखंड अंतर्गत दमुआ सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विभाग के नजरंदाज के कारण जनपद मुख्यालय से ग्रामीण इलाको तक गली-गली खाद,बीज व कीटनाशक किराना,पान ठेले,हार्डवेयर,मेडिकल स्टोर सहित अन्य दुकानों में बिना लाइसेंस के बेचा जा रहा हैं। यहां किसानों को दिनदहाड़े चूना लगाया जा रहा है। अफसरों के द्वारा कार्रवाई न करने से दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं। यह दुकानदार हाइब्रिड बीज, रासायनिक खाद व कीटनाशक को दो से तीन गुने दाम में बेच रहे हैं।
बिना लाइसेंस को रहा व्यापार
कृषि विभाग से नियमतः व्यवसाय करने के लिए लायसेंस लेकर बीज, रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति व बिक्री की जाती है। इसके बाद दुकानदार किसानों को माल बेचते हैं। डीलर व दुकानदारों को इसकी बिक्री करने के लिए कृषि विभाग वैध लाइसेंस जारी करता है। वर्तमान में जुन्नारदेव विकासखण्ड में अवैध रूप से कई डीलर व दुकानदार बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक व कृषि संबंधी उपकरण की खुलेआम बिक्री कर रहे हैं। वनांचल,शहर हो या ग्रामीण अंचल इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। अशिक्षा व जागरूकता के अभाव में कृषि केंद्र संचालक इनसे मनमर्जी रकम वसूल रहे हैं। इसकी जानकारी अफसरों को भी है लेकिन सब अनजान बने हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि इसके बदले हर माह मोटी रकम कृषि विभाग के अधिकारियों तक पहुंचती है।
किराना दुकान,पान ठेले,हार्डवेयर में खाद,बीज,कीटनाशक का हो रहा विक्रय
दमुआ सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में बिना लाइसेंस की अधिकारियों की मिलीभगत से किराना दुकान,पान ठेले,हार्डवेयर में खाद,बीज,कीटनाशक का विक्रय किया जा रही है जिस पर अंकुश नही लगाया जा रहा हैं मतलब सीधा दुकानदार से अधिकारी -कर्मचारी कमीशन लेकर उक्त कार्य को अंजाम दे रहे हैं जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है । दुकानदार किसी एक कम्पनी का शोध प्रमाण पत्र लेकर कई लोकल कम्पनी का खाद,बीज,कीटनाशक बेच रहे हैं
प्रिंट रेट से ज्यादा दाम में बिक रहा खाद,बीज,कीटनाशक
अफसरों की सह पर दमुआ में काफी मात्रा में दुकानों पर खाद,कीटनाशक,बीज पहुंच गया है। इसकी पैकेट में अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दामों पर बेचा जा रहा है। रासायनिक खाद,निंदा नाशक(कीटनाशक) की अधिक मांग होने व लाभ कमाने के चक्कर में किसान को दो से तीन गुना दामों में दुकानदार बेच रहे हैं। विभागीय अफसर इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। अभी तक किसी भी दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।