धर्म को जीवन में उतारिए — शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

नरसिंहपुर राजकुमार दुबे

 

धर्म केवल सुनने और कहने की वस्तु नहीं है। हमारे पूर्वजों ने धर्म का उपदेश इसीलिए किया है कि हम उसे अपने जीवन में उतारें। जब हम धर्मानुसार जीवन जीते हैं तो हमें आनन्द की प्राप्ति होती है। बिना धर्म का जीवन पशु समान हो जाता है।

 

उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ ने अपने चातुर्मास्य प्रवचन के अन्तर्गत आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में प्रश्न कथा सुनाते हुए कही।

 

उन्होंने कहा कि धर्म हमें अनुशासित बनाता है। धर्म पालन से हमारा जीवन निर्मल होता है। भगवान् सूर्य की भाँति हम भी प्रकाशित हो जाते हैं। सूर्य की किरणों से जिस प्रकार कुछ भी छिपा नहीं रह सकता ऐसे ही धर्माचरण करने वाले व्यक्ति को सब कुछ स्पष्ट दिख जाता है।

 

पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी ने वर्तमान शिक्षा पद्धति पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि विद्यालय को ज्ञान का मन्दिर कहा जाता है लेकिन वहाँ पर सही ज्ञान नहीं दिया जा रहा है। ऑख, कान, नाक आदि शरीर के अंगों के नाम तो याद कराए जा रहे हैं पर ये कैसे उत्पन्न हुए, ये सब कैसे कार्य करते हैं, इन सबका नियन्त्रक कौन है और इनके अभिमानी देवता कौन हैं इन सब बातों से हमारे आज के बच्चे अनभिज्ञ ही रह जा रहे हैं।

 

आगे कहा कि विद्या धन सभी प्रकार के धन से श्रेष्ठ है क्योंकि बाकी धन तो व्यय करने पर समाप्त हो जाता है पर विद्या को जितना भी आप खर्च करोगे वह बढता ही जाता है।

 

पूज्य शङ्कराचार्य जी के प्रवचन के पूर्व धर्मशास्त्रपुराणेतिहासाचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ज्योतिष्पीठ पं आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, जगद्गुरुकुलम् के छात्र श्री प्रणव राजोरिया जी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

*,आज के श्रीमद्भागवत कथा के यजमान श्रीमती लक्ष्मी अन्नीलाल शुक्ला करकबेल रहे,जिन्होंने पादुका पूजन भी किया*

मंच पर प्रमुख रूप से पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज के निजी सचिव

चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष *ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी,गुरुकुल संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी, ब्रह्मचारी अचलानंद जी* आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन *श्री अरविन्द मिश्र* एवं संचालन *ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी परमहंसी गंगा आश्रम व्यवस्थापक सुंदर पांडे* ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से,विभास चौधरी पंडित अन्नू भैया सुनील शर्मा सोहन तिवारी माधव शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी पंडित आनंद उपाध्याय आज की

अमित तिवारी,मूंगा राम पाठक , राजेश पांडे आनंद पाठक रघुवीर प्रसाद शास्त्री दीपक शुक्ला श्रद्धा शुक्ला, बसंत उपाध्याय बद्री चौकसे नारायण गुप्ता , कपिल नायक सहित बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही श्रीमद्भागवत महापुराण की आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

 

चातुर्मास्य के अवसर पर पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज का गीता पर प्रवचन प्रातः 7.30 से 8.30 बजे तक भगवती राजराजेश्वरी मन्दिर में होता होता है जिसका प्रसारण 1008.guru इस यू ट्यूब चैनल पर प्रतिदिन होता है।

जवाब जरूर दे 

आपके शहर में विकास की गति है

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129