नर्मदा जल के स्पर्श से पाषाण भी शिव बन जाते हैं। :-आचार्य प्रदीप कृष्ण शास्त्री

 

पिपरिया।नर्मदा जी साक्षात धरती पर मौजूद हैं।नर्मदा जल के स्पर्श से पाषाण भी शिव हो जाता है।नर्मदा जी ने शिव जी से वरदान मांगा था कि मेरे जल में आप सदा निवास करोगे।शिवजी नर्मदाजी में कंकर के रूप में रहते हैं।

यह उदगार राष्ट्रीय प्रवक्ता कथावाचक आचार्य पंडित प्रदीप कृष्ण शास्त्री ने चौहान परिवार द्वारा आयोजित नर्मदा जयंती पर शुरू हुए नर्मदा पुराण कथा वाचन में कहे।श्रद्धालुओं को संगीतमय, सरल और प्रवाहमय शैली में कथा का रसपान कराते हुए उन्होंने नर्मदा स्नान विधि,नर्मदा परिक्रमा और नर्मदा की महिमा बताई।नर्मदा में स्नान करने में साबुन,शैंपू और पन्नी पाउच का वहां उपयोग नहीं करने को कहा।उन्होंने नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सबके हाथ उठवाकर सामूहिक संकल्प दिया।यहां भगवान श्री कृष्ण के प्रसंग भी सुनाए गए।

इससे पूर्व दोपहर में विशाल कलश यात्रा निकाली गई जो कि दुर्गा मंदिर नाके से शुरू होकर बनर्जी कॉलोनी कार्यक्रम स्थल तक पहुंची।कथावाचक श्री शास्त्री का आयोजक चौहान परिवार और श्रद्धालुओं ने स्वागत किया।कथा प्रतिदिन 2:00 से 5:00 तक होगी और 3 फरवरी तक चलेगी।कथा के मुख्य यजमान पूरनलाल चौहान और फूलवती चौहान,शिक्षक दंपत्ति आशीष चौहान, श्रीमती मधु चौहान हैं।कथा में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जे के मेहर,शिक्षक रमेश चंद्र मेहर, अधिवक्ता हरीश बेमन,सुनील कुशवाह आदि सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित रहे।

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