विद्यार्थियों को कराया शैक्षणिक भ्रमण _ किया श्रमदान
( पंकज पाल जिला ब्यूरो चीफ )
पचमढ़ी_ साइबर टेक कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर द्वारा बच्चों को एजुकेशन टूर पर बाड़ी स्थित, हिंगलाज मंदिर, डेम एवं छीन्द धाम में हनुमान मंदिर के दर्शन कराए गए, जहां पर विद्यार्थियों ने संस्कृति के बारे में ज्ञान प्राप्त किया और डेम की ऑपरेटर द्वारा बच्चों को उसके के विषय में जानकारी प्रदान की गई कि किस तरह डैम के गेट खोले जाते हैं एवं बंद किए जाते हैं किस तरह डिजिटल तरीके से गेट को एक स्थान पर बैठकर कंप्यूटर की सहायता से किस तरह से गेट खोला जाता है एवं उसकी ऊंचाई लंबाई इसके बारे में वहां के ऑपरेटर गफूर भाई द्वारा जानकारी प्रदान की गयी, जिससे बच्चों को डैम के बारे में अनेक नयी जानकारियां प्राप्त हुई ।
एजुकेशन टूर में बच्चों ने बहुत मस्ती की एवं उनको बहुत अच्छा लगा बच्चों को लाने ले जाने के लिए कंप्यूटर सेंटर के मोहम्मद इश्तियाक खान एवं कंप्यूटर मैनेजर मनीषा मैडम द्वारा बच्चों को स्वल्पाहार दिया गया और उन्हें एवं संस्कृति के बारे में जानकारी वहां के स्थानीय लोगों द्वारा प्राप्त हुई और कंप्यूटर टूर के बच्चों द्वारा वहां पर श्रमदान भी किया गया और बच्चों ने सारे धार्मिक स्थलों पर जाकर वहां के दुकानदारों को पन्नी का उपयोग ना करने की गुजारिश की गई ।पचमढ़ी_ साइबर टेक कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर द्वारा बच्चों को एजुकेशन टूर पर बाड़ी स्थित, हिंगलाज मंदिर, डेम एवं छीन्द धाम में हनुमान मंदिर के दर्शन कराए गए, जहां पर विद्यार्थियों ने संस्कृति के बारे में ज्ञान प्राप्त किया और डेम की ऑपरेटर द्वारा बच्चों को उसके के विषय में जानकारी प्रदान की गई कि किस तरह डैम के गेट खोले जाते हैं एवं बंद किए जाते हैं किस तरह डिजिटल तरीके से गेट को एक स्थान पर बैठकर कंप्यूटर की सहायता से किस तरह से गेट खोला जाता है एवं उसकी ऊंचाई लंबाई इसके बारे में वहां के ऑपरेटर गफूर भाई द्वारा जानकारी प्रदान की गयी, जिससे बच्चों को डैम के बारे में अनेक नयी जानकारियां प्राप्त हुई ।
एजुकेशन टूर में बच्चों ने बहुत मस्ती की एवं उनको बहुत अच्छा लगा बच्चों को लाने ले जाने के लिए कंप्यूटर सेंटर के मोहम्मद इश्तियाक खान एवं कंप्यूटर मैनेजर मनीषा मैडम द्वारा बच्चों को स्वल्पाहार दिया गया और उन्हें एवं संस्कृति के बारे में जानकारी वहां के स्थानीय लोगों द्वारा प्राप्त हुई और कंप्यूटर टूर के बच्चों द्वारा वहां पर श्रमदान भी किया गया और बच्चों ने सारे धार्मिक स्थलों पर जाकर वहां के दुकानदारों को पन्नी का उपयोग ना करने की गुजारिश की गई ।